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Health Politics

Health Authorities Warn Striking Doctors To Take Disciplinary Action Against Them

disciplinary action

AIIMS and Safdarjung hospital in Delhi warned striking doctors a strict punitive and disciplinary action against them for their suspension/termination of services, vacation of hostel accommodation, if they do not resume their duties with immediate effect.

disciplinary action against doctors

Copy Of Notices Issued To The Striking Doctors

Agitating doctors blocked the traffic in the vicinity of AIIMS and Safdarjung hospital on Saturday morning. They are in continuation of strike against the National Medical Commission bill (2019), however, emergency services were resumed on Saturday. 

Resident doctors even from government hospitals of Uttar Pradesh and AIIMS, Rishikesh joined the protest including AIIMS New Delhi, Safadrjung, Lok Nayak, RML hospital against the NMC bill.

NMC bill was tabled and passed on 1st August, 2019 in Rajya Sabha. Many doctors were detained by the Delhi Police on last Thursday while they were marching towards Parliament. 

Dr. Harsh Vardhan called the NMC bill the biggest reform of medical education in his opening remark of Parliament debate. He also said that MCI’s role had been questionable in the past and charges of corruption were levelled against MCI. NMC bill will replace the existing body of MCI.

Doctors are disappointed by some provisions in NMC bill. They also raised questions against the ambiguity of the contents in the said bill.  

Federation of Resident Doctors Association (FORDA) office bearers, Resident Doctor’s Associations AIIMS sat across the table with Union Health Minister, Dr. Harsh Vardhan to discuss the content of the NMC bill. Health Minister and other officials clarified the apprehension regarding certain clauses of NMC bill.

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स्वास्थ्य राजनीति

स्वास्थ्य अधिकारियों ने हड़ताली चिकित्सकों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी

disciplinary action

दिल्ली के एम्स और सफ़दरजंग अस्पतालों ने हड़ताल कर रहे चिकित्सकों को चेतावनी दी है कि अगर वे तुरंत अपनी सेवाएँ बहाल नहीं करते हैं तो उनके ख़िलाफ़ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी जिसमें उन्हें निलंबित करना या उनकी सेवाएँ समाप्त करना और हॉस्टल ख़ाली करवाना शामिल है।

एम्स, दिल्ली द्वारा जारी ज्ञापन-पत्र के अनुसार शनिवार सुबह प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों ने एम्स और सफ़दरजंग अस्पतालों के आस-पास के क्षेत्र में यातायात को बाधित किया।

ये चिकित्सक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बिल (2019) के विरोध में अपनी हड़ताल जारी रखे हुए हैं हालांकि शनिवार को इन्होंने आपात चिकित्सा सेवाएँ बहाल कर दीं।

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और ‘एम्स ऋषिकेश’ के साथ ‘एम्स नई दिल्ली’, सफ़दरजंग, लोक नायक, राम मनोहर लोहिया अस्पतालों के स्थानिक चिकित्सकों ने भी NMC बिल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किए।

NMC बिल 1 अगस्त 2019 को राज्यसभा में पेश और पास किया गया। पिछले बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस ने संसद की ओर पैदल मार्च करने वाले बहुत से चिकित्सकों को हिरासत में ले लिया था।

संसद में अपनी बहस शुरू करने के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने  NMC बिल को चिकित्सा शिक्षा में सबसे बड़ा सुधार बताया। उन्होंने ये भी कहा कि पिछले दिनों MCI की भूमिका के बारे में सवाल उठाए गए थे और इस पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया था। NMC बिल मौजूदा MCI का स्थान लेगा।

चिकित्सक NMC बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर निराश हैं। उन्होंने इस बिल के कुछ हिस्सों की अस्पष्टता को लेकर सवाल भी उठाए।

एम्स के स्थानिक चिकित्सक संगठन, स्थानिक चिकित्सक संगठन परिसंघ, फ़ोरडा के प्रतिनिधियों ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन के साथ मुलाक़ात कर NMC बिल की विषय-वस्तु के बारे में चर्चा की। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और अन्य अधिकारियों ने NMC बिल के कुछ प्रावधानों के बारे में आशंकाओं को दूर किया।

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