खाद्य विभाग ने पाया पसंदीदा खाद्य पदार्थ पहुँचा रहे हैं सेहत को नुक्सान
अगली बार जब आप किसी रेस्त्रां या फ़ास्ट फूड की दुकान में अपनी पसंदीदा केसर रस-मलाई, पनीर टिक्का, चिकन टिक्का या गोल-गप्पे मंगाएं तो सतर्क रहिएगा क्योंकि इन में वे सिंथेटिक रंग हो सकते हैं जो दिल्ली के खाद्य विभाग के अनुसार सुरक्षित नहीं हैं और सेहत को नुक्सान पहुँचा रहे हैं।
दिल्ली में विभिन्न रेस्त्राओं और फ़ास्ट फूड चेन में सुरक्षा और निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान दिल्ली सरकार के खाद्य विभाग ने पाया कि खाद्य पदार्थ के लिए गए 1139 नमूनों में से 124 नमूने फ़ेल हो गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि हमें केसर रस मलाई, डेयरी उत्पाद, चिकन टिक्का, पनीर टिक्का, गोल गप्पे और यहाँ तक कि बच्चों के लिए स्पलीमेंट वाले खाद्य पदार्थों में भी गम्भीर रोग पैदा करने वाला सिंथेटिक रंग मिला जिसकी फसाई (FSSAI) ने अनुमति नहीं दी है।
दिल्ली के खाद्य विभाग द्वारा लिए गए नमूनों के अनुसार आइस-क्रीम और डेयरी उत्पादों में केसर का स्वाद देने के लिए सिंथेटिक रंग मिलाए जाते हैं। गोल-गप्पे में पुदीने की जगह ऐसा रंग मिलाया जाता है जिसकी अनुमति नहीं है। माँसाहारी भोजन को ताज़ा और स्वादिष्ट दिखाने के लिए उस में सेहत को नुक्सान पहुँचाने वाले रंग मिलाए जा रहे हैं। हेल्थ एक्स्पर्ट्स बताते है की ये सभी सिंथेटिक रंग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का मुख्य कारण हैं।
कुल फ़ेल नमूने: साल के अनुसार
- जुलाई 2016 - जून 2017
- जुलाई 2017 - जून 2018
- जुलाई 2018 - जून 2019
- जुलाई 2016 - जून 2017
- जुलाई 2017 - जून 2018
- जुलाई 2018 - जून 2019
फ़ेल नमूने 1 जुलाई 2018 से 28 जून 2019 तक
- ग़लत ब्राण्ड
- ख़राब स्तर
- असुरक्षित
- उलंघन
- ग़लत ब्राण्ड
- ख़राब स्तर
- असुरक्षित
- उलंघन
दिल्ली के खाद्य सुरक्षा विभाग में खाद्य सुरक्षा कमीश्नर, एल.आर. गर्ग ने कहा कि हम लोगों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मुहैया करवाना चाहते हैं। किसी भी तरह के खाद्य व्यवसाय में शामिल लोगों और कंपनियों को जागरूक तथा संवेदनशील बनाने के लिए हमने कई जागरूकता कार्यक्रम, हेल्थ मेले और खाने में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल के ख़िलाफ़ कार्यक्रम चलाए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने अपनी प्रयोगशालाओं में रोगाणुओं और भोजन ख़राब करने वाले तत्वों को ढूँढने के लिए अणुजीव विज्ञानी (microbiological) परीक्षण किया।
अधिकारियों ने ये भी पाया कि भोजन मिलावटी, घटिया स्तर का और ख़राब ब्रैंड का है। 1 जुलाई 2018 से 28 जून 2019 के बीच खाद्य विभाग की ओर से अधिक निरीक्षण किया गया। इस अवधि के दौरान 2110 नमूने लिए गए थे जिन में से 394 नमूने जाँच में फ़ेल हो गए यानी ये खाने योग्य नहीं हैं।
खाने के जो नमूने जाँच में फेल हो गए उन्हें निरीक्षण सेंपल कहा गया जो खाद्य सुरक्षा अधिकारीयो ने होटलों और रेस्त्राओं में छापे मारने के दौरान लिए थे।
नागरिकों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने का उद्देश्य रखने वाले खाद्य विभाग ने जुलाई 2018 से मार्च 2019 तक एक ख़ास मुहिम चलाई थी। खाद्य इंस्पेक्टरों ने लगभग 124 निरीक्षण खाद्य नमूने लिए जो इस दौरान जाँच में फ़ेल हो गए।
हालांकि जुलाई 2017 से मार्च 2018 तक की पिछली अवधि के दौरान भोजन के केवल सात निरीक्षण नमूने फ़ेल हुए।
खाद्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस मुहिम में कनाट प्लेस, करोल बाग़, चाँदनी चौक, ख़ान मार्किट, लाजपत नगर जैसे खाने के चर्चित स्थानों को शामिल किया गया था।
पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग ने सेहतमंद दिल्ली नाम से अपना खाद्य सुरक्षा अभियान शुरू किया। अभियान शुरू करते समय प्रधान स्वास्थ्य सचिव संजीव खिरवार ने कहा कि हम दिल्ली वासियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए व्यापक नीति बनाने के लिए काम कर रहे हैं।