ऐन्यरिज़म का एक अनोखा मामला: दिल्ली के चिकित्सकों ने दिल की धमनी से निकाले एक लीटर ख़ून के थक्के
सर गंगा राम अस्पताल के चिकित्सकों ने 20 सेंटिमीटर की दिल की मुख्य धमनी में से एक लीटर ख़ून के कलॉट या थक्के निकालकर सुमित कुमार(परिवर्तित नाम) को नया जीवन दिया है। पिछले एक साल से इस परेशानी की वजह से सुमित दर्द से बहुत दुखी था।
तीस साल के सुमित कुमार को हृदय की मुख्य धमनी के फूलने की समस्या बताई गई थी। ये एक ऐसी स्थिति है जिसे Abdominal Aortic Aneurysm (AAA) कहा जाता है।
ऐआर्ट या महाधमनी दिल से साफ़ ख़ून लेती है और उसे पूरे शरीर में पहुँचाती है। इस धमनी का फूलना या फटना जानलेवा हो सकता है।
चिकित्सकों ने बताया कि दिल धड़कने वाले हिस्से में सुमित की धमनी बीस सेंटिमीटर तक फूल गई थी और किसी भी समय फट सकती थी। धमनी का सामान्य आकार 17 से 18 मिलिमीटर होता है।
सर गंगा राम अस्पताल के Institute of Vascular and Endovascular Sciences (नाड़ी संबंधी विज्ञान संस्थान) के अध्यक्ष, डॉ. वी.एस. बेदी ने कहा कि फूली हुई धमनी रक्त से भरे एक गुब्बारे जैसी हो गई थी। ये चार घंटे चली एक जटिल सर्जरी थी जिसमें बहुत ख़तरा था।
ऐन्यरिज़म का एक अनोखा मामला:
डॉ. बेदी ने कहा कि हम एक तीस साल के व्यक्ति में 20 सेंटिमीटर फूली धमनी को देखकर हैरान थे क्योंकि इस तरह की समस्या आम तौर पर 60-70 साल के व्यक्ति में दिखाई देती है। सुमित के मामले में हृदय की धमनी फटने का ख़तरा था। शरीर में एक गुब्बारे के आकार में ख़ून जमा हो गया था और एक मुख्य स्थान से ख़ून का रिसाव भी शुरू हो चुका था। आम तौर पर धमनी के ऐसे मामले में मरीज़ दो दिन से ज़्यादा ज़िंदा नहीं रहता।
उत्तर प्रदेश के बाराबांकी में रहने वाले सुमित ने द हेल्थ को बताया कि मुझे पिछले एक साल से कमर में दर्द था और बार-बार पेट से जुड़ी परेशानी होती रहती थी। पिछले तीन महीनों से अचानक दर्द पहले से ज़्यादा समय तक रहने लगा और इतना तेज़ हो गया कि सहन करना भी मुश्किल हो गया था। स्थानीय अस्पताल में कुछ टेस्ट और जाँच करवाने के बाद मुझे ऐन्यरिज़म परेशानी बताई गई। चिकित्सकों ने कहा कि मुझे जल्द से जल्द आधुनिक सर्जरी करवाने की ज़रूरत है। मैं सर गंगा राम अस्पताल में आया और डॉ. बेदी के दल ने मेरा सफल ऑपरेशन करके मेरी जान बचाई।
डॉ. बेदी ने बताया कि मरीज़ ने अन्य अस्पतालों में भी ऑपरेशन के लिए बात की थी लेकिन वहाँ उसे कहा गया कि हृदय की धमनी के आकार और बीमारी को देखते हुए ऑपरेशन में मरीज़ को जान का बहुत ज़्यादा ख़तरा है।
डॉ. बेदी ने बताया कि सर्जरी के दौरान लगभग एक लीटर ख़ून का धक्का निकाला गया। सर गंगा राम अस्पताल के एनेस्थीशिय विभाग से डॉ. के.के. नारानी की टीम ने सर्जरी के दौरान बेहोशी या संज्ञाहीनता से जुड़े सारे जटिल काम संभाले।
सर्जरी पूरी हो जाने के बाद सुमित दो दिन के भीतर ही बिना दर्द के चलने, सोने और खाने लगा। नया जीवन मिलने के बाद डिस्चार्ज होने से एक दिन पहले कम समय में ही पूरी तरह ठीक होने के बाद सुमित ने अस्पताल के vascular surgery(धमनी सर्जरी)दल के साथ केक काटकर ख़ुशी-ख़ुशी अपना जन्मदिन मनाया।