भीषण गर्मी की वजह से दिल्ली में बिजली की रिकॉर्ड खपत
दिल्ली में कूलिंग लोड यानी ए.सी., कूलर और पंखे के लिए बिजली की बढ़ी मांग ने आज (1 जुलाई 2019) को सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। पहली जुलाई 2019 को दिल्ली में 3:29 PM पर बिजली की मांग 7241 मेगावाट पर पहुँच गई थी। दिल्ली में पॉवर या बिजली की मांग के इतिहास में ये सबसे अधिक है।
एक वक्तव्य में BSES Discoms ने कहा कि 2019 में दिल्ली में बिजली की मांग 7400 मेगावाट तक पहुंच सकती है जो कि 2002 में बिजली की सबसे अधिक मांग 2879 मेगावाट से 250 प्रतिशत अधिक है। दिल्ली में बिजली की मांग सबसे पहले 2016 में 6000 मेगावाट से अधिक हुई थी। शहर में बिजली की मांग लगातार 6000 मेगावाट को पार कर रही है, इस तथ्य से राजधानी में बिजली के वितरण और संचरण की ज़बरदस्त व्यवस्था का पता चलता है।
दिल्ली में बिजली की मांग मुंबई और चेन्नई की संयुक्त मांग से भी ज़्यादा है और कोलकाता में बिजली की मांग की तीन गुना है।
BSES Discoms का कहना है कि दिल्ली में पॉवर लोड की बढ़ती वजह कूलिंग लोड है। असल में अनुमान के अनुसार दिल्ली में बिजली की लगभग पचास प्रतिशत मांग ए.सी., कूलर और पंखों की वजह से है।
भारतीय मौसमविज्ञान विभाग ने एक वक्तव्य में कहा कि आज (1 जुलाई 2019) दिल्ली के आया नगर में अधिकतम तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान और बिहार में लू की स्थिति दर्ज की गई।
इससे पहले दिल्ली के पालम क्षेत्र में 48 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था जो कि जून 2019 का सबसे अधिक तापमान था। प्रशांत महासागर में अल नीनो जलवायु चक्र दुनिया भर में मौसम पर प्रभाव डाल रहा है।
BLK Super Speciality अस्पताल के Internal Medicine के निदेशक डॉ. आर.के. सिंघल ने कहा कि अचानक तापमान सामान्य से बहुत अधिक गर्म होने पर व्यक्ति बीमार हो सकते हैं तथा और भी कई रोग हो सकते हैं। अगर किसी को अधिक समय तक बाहर धूप में रहने पर बहुत थकान लगती है, सर दर्द, चक्कर आना या कुछ और परेशानी होती है तो चिकित्सक के पास जाना चाहिए।