डॉ. हर्षवर्धन ने सफ़दरजंग अस्पताल में अति आधुनिक स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन किया
सफ़दरजंग अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ों के लिए एक अच्छी ख़बर ये है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को इस अस्पताल में एक अत्याधुनिक चिकित्सा केन्द्र का उद्घाटन किया है। इस चिकित्सा केन्द्र में 3T एमआरआई सुविधा, बुज़ुर्गों की ओपीडी, हृदय संबंधी उपचार का विशेष लैब और Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy यानी ESWL भी हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने वार्डों, बाह्य रोगी विभाग, ऑप्रेशन थियेटर, लैब, दवा केन्द्रों और बच्चों के आईसीयू का मुआइना किया और मरीज़ों तथा उन के तिमारदारों से बात भी की। उन्होंने मरीज़ों की पंजीकरण प्रक्रिया और अन्य प्रक्रियाओं की समीक्षा की और साथ ही नए सुपर स्पेशल्टी हिस्से का भी दौरा किया।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आज हमने नए केन्द्रों की शुरुआत की है जिनमें अत्याधुनिक तकनीक से लैस ESWL Lab और Catheterization Laboratory भी हैं। ESWL Lab से ब्लैडर में पथरी वाले मरीज़ों की मदद हो सकेगी। ESWL द्वारा आधुनिक तरीक़े से उपचार किया जाता है और मरीज़ को कम समय में ही घर भेजा जा सकेगा। अपनी आधुनिक तकनीकी सुविधा की वजह से सफ़दरजंग अस्पताल की तुलना जल्द ही देश और दुनिया के बेहतरीन अस्पतालों से होने लगेगी।
ESWL एक ऐसी प्रभावशाली प्रक्रिया है जिस में मूत्रवाहिनी या गुर्दे में पथरी होने पर बिना सर्जरी इसका इलाज किया जा सकता है। शरीर के बाहर से लेज़र किरणों द्वारा पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है और फिर ये छोटे टुकड़े पेशाब के साथ आसानी से शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
सफ़दरजंग अस्पताल के युरोल्जी या मूत्रविज्ञान विभाग के प्रमुख (प्रो.) डॉ. अनूप कुमार ने द हेल्थ को बताया कि ये आपस में जुड़ी एक ऐसी व्यवस्था है जिस में उपचार की प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर एक अलग कमरे में बैठकर मरीज़ का इलाज कर सकता है। इस की सहायता से बिना किसी चीर-फाड़ या ज़्यादा दर्द के बिना पथरी को बारीक टुकड़ों में तोड़ा जा सकता है। मरीज़ को पहले की तुलना में कम बार प्रक्रिया सहनी होगी और उसे तकलीफ़ भी कम होगी। X-ray में दिखाई ना देने वाली पथरी को भी इस मशीन से तलाश कर तोड़ा जा सकेगा। इस अत्याधुनिक मशीन में X-ray और अलट्रासाउंड की सुविधा भी मौजूद है।
डॉ. कुमार ने आगे कहा कि ब्लैडर में पथरी के पचास प्रतिशत से अधिक मरीज़ों का इलाज ESWL के द्वारा किया जा सकेगा जिस में उन्हें बेहोश करने की कोई ज़रूरत नहीं होगी। इससे हम पर मरीज़ों का भारी दबाव भी कम होगा। निजी अस्पतालों में ESWL द्वारा इलाज का ख़र्च पचास-साठ हज़ार रुपये से ज़्यादा होगा लेकिन सफ़दरजंग अस्पताल में इसी तकनीक द्वारा फ़्री में इलाज किया जाएगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अंतर्गत स्वास्थ्य को सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में माना गया है। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्र बहुत ही कम क़ीमत पर दवाएँ उपलब्ध करवा रहे हैं।
बुज़ुर्ग मरीज़ों को ध्यान में रखते हुए सफ़दरजंग अस्पताल के मुख्य ओपीडी परिसर में हर रविवार को बुज़ुर्गों के लिए ओपीडी खुलेगी जिसकी शुरुआत रविवार, 28 जुलाई से ही हो रही है। इसमें नाक,कान और गले के उपचार, नेत्र उपचार, हड्डियों के उपचार, सामान्य सर्जरी और दवाओं की विशेष सुविधा होगी।
पिछले साल प्रधानमंत्री ने हर साल प्रति परिवार पाँच लाख रुपये का मुफ़्त चिकित्सा स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी जिसमें पचास करोड़ से ज़्यादा लोगों को शामिल किया गया है।