ऋषिकेश में बढ़ते हृदय रोग के मामले
“हम इस मरीज़ पर बहुत काम कर रहे हैं। इसे कुछ नहीं होना चाहिए। हर 6 घंटे में इस की रिपोर्ट तैयार करो और इस की पूरी देखभाल करो” उत्तराखण्ड के ऋषिकेष के एम्स में हृदयरोग विभाग की प्रमुख डॉ. भानु दुग्गल ने देर शाम आए बहुत ज़रूरी फ़ोन कॉल पर अपने सहकर्मी को हिदायत दी।
डॉ. दुग्गल का कहना है कि एम्स में इमरजेंसी में हर रोज़ हृदयाघात या हार्ट अटैक के कम से कम तीन मामले लाए जाते हैं। यहाँ दिल की बिमारियों के मामले ज़्यादा आते हैं। ओपीडी में हर रोज़ लगभग 120 मरीज़ आते हैं। हालांकि यहाँ ऋषिकेश में मरीज़ पतले दिखते हैं लेकिन हैरानी की बात है कि ऐसे मरीज़ों को भी दिल की बिमारी होती है। धूम्रपान एक बड़ी वजह है जो स्थानीय लोगों के दिल को नुक़्सान पहुँचा रहा है।
इस रोग के कारण क्या हैं?
पहाड़ी इलाक़ों में बहुत ज़्यादा बीड़ी पीने की आदत होती है और इस की कुछ वजह ऊँचाई भी होती है। ठंडे इलाक़ों में महिला और पुरुष दोनों ही ठंड का सामना करने के लिए धूम्रपान करते हैं।
डॉ. दुग्गल का कहना है कि हार्ट अटैक आने के बाद एक डॉक्टर के रूप में मैं मरीज़ को बचाने की बस कोशिश कर सकती हूँ। मरीज़ अटैक के समय हमारे पास आता है। 6 घंटे की ओपीडी में हर रोज़ लगभग 120 मरीज़ आते हैं। वे दवाई तो लेते रहते हैं लेकिन वैसी ही जीवन शैली फिर से अपना लेते हैं जिस की वजह से हार्ट अटैक आया था। इस तरह मरीज़ बार-बार हमारे पास आता रहता है।
इस का समाधान क्या है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ख़राब जीवनशैली, कम शारीरिक गतिविधियाँ और धूम्रपान करने की आदत की वजह से दिल की बीमारियाँ होती हैं। प्राथमिक बचावकारी उपाय और बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाने की सख़्त ज़रूरत है।
डॉ. दुग्गल ने कहा कि हैरान करने वाली बात ये है कि भारत में ज़्यादातर दिल के मरीज़ तीस से पचास साल के होते हैं। इन मरीज़ो की उम्र बहुत ज़्यादा नहीं है। अब पहाड़ी इलाक़ों में भी शहरों और गाँवों के बीच का फ़र्क कम होता जा रहा है। पहाड़ों में भी लोग शहरी जीवन शैली अपना रहे हैं। पश्चिमी जीवन शैली की वजह से लोगों की शारीरिक गतिविधियाँ कम हो गई हैं। शारीरिक गतिविधियाँ कम होने और साथ ही बीड़ी या सिगरेट पीने की लत की वजह से दिल की बीमारियाँ हो रही हैं।
एम्स, ऋषिकेश में अतिरिक्त सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं
आने वाले महीनों में ऋषिकेश के एम्स में हृदय रोगियों के लिए और ज़्यादा चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाएंगी।
डॉ. दुग्गल ने बताया कि हम दिल के मरीज़ों के लिए ही अलग से अतिरिक्त सीसीयू (हृदय संबंधी गहन चिकित्सा केन्द्र) तथा एक कैथ लैब लगाने वाले हैं।
सीसीयू और कैथ लैब से अस्पताल में हृदय रोगियों को गहन चिकित्सा मुहैया करवाई जाती है। इस से ऐसे मरीज़ो की लगातार देखभाल और इलाज करने में मदद मिलती है।