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रोग समाचार

हार्ट अटैक के रोगियों को नहीं गवाँना चाहिए इलाज का “सुनहरा घण्टा”

Why is The Golden Hour Important in Heart Attack Cases

भारत में हर साल बहुत बड़ी संख्या में जिन लोगों को हार्ट अटैक आता है उन में से अधिकतर को इलाज का “सुनहरा घण्टा” भी नहीं मिल पाता। सुनहरा घण्टा हार्ट अटैक आने के बाद का वो पहला घण्टा है जो जटिलताएँ घटाने और इस से जुड़ी मृत्यु दर कम करने के लिए आदर्श है।

भारत में बहुत से लोग इन लक्षणों को समय पर पहचान नहीं पाते। इसलिए वे समय पर सही इलाज भी नहीं करवा पाते। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट अटैक के मरीज़ों को समय से जीवन रक्षक उपचार देने के लिए “गोल्डन आवर” या सुनहरा घण्टा बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसलिए कमर से ऊपर सीने में होने वाले किसी भी दर्द का तुरंत ECG होना चाहिए। बिना देर किए तुरंत किसी डॉक्टर से इस बारे में सलाह लेनी चाहिए। हार्ट अटैक के बाद पहले घण्टे में किया गया उपचार जीवन बचाने और जटिलताएँ कम करने के लिए बहुत ज़रूरी है

American Heart Association के अनुसार भारत में अचानक आए हार्ट अटैक के मामलों में मृत्यु दर  लगभग 4280/100,000 है। चिकित्सकों का कहना है कि मृत्यु का ख़तरा उस समय बढ़ जाता है जब हार्ट अटैक के बाद व्यक्ति को दो से तीन घण्टों के बाद अस्पताल लाया जाता है। इस तरह की देर की वजह से उन्हें पहले की तरह स्वस्थ कर पाना मुश्किल हो जाता है।

Indian Journal of Anesthesia में छपे cardiopulmonary resuscitation (CPR) के दिशानिर्देश के अनुसार दिल के रोगों से होने वाली सभी प्रकार की मृत्यु में साठ प्रतिशत से ज़्यादा हार्ट अटैक की वजह से होने वाली मृत्यु का हिस्सा है। अस्पताल के बाहर सत्तर प्रतिशत cardiac arrests घर पर होते हैं। अस्पताल के बाहर cardiac arrests के इस तरह के मामलों में 90 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो जाती है। cardiac arrests के मरीज़ को बचाने में होने वाली एक मिनट की देर भी उस के ज़िंदा बचने के अवसर को सात से दस प्रतिशत तक कम कर देती है।

सभी चिकित्सा स्पेशल्टीज़ ख़ास तौर से ऐनेस्थीसिया से जुड़े केन्द्रों में, गहन देखभाल, आपात चिकित्सा केन्द्रों और सर्जरी के अभ्यास से जुड़ी कुशलता विकसित करने में CPR शामिल है।

Indian Journal of Anesthesia के अनुसार ये दुख की बात है कि अस्पताल से बाहर हृदय गति रुकने पर सिर्फ़ लगभग 46 प्रतिशत लोगों को ही तुरंत मदद मिल पाती है। हालांकि किसी के द्वारा तुरंत CPR दिए जाने से पीड़ित के ज़िंदा रहने की संभावना दोगुनी या तीन गुनी हो सकती है।

Max Specialty अस्पताल में हृदयरोग विज्ञान विभाग के युनिट हेड और वरिष्ठ निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल कहते हैं कि हार्ट अटैक होने पर समय सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण होता है। बहुत से लोग सीने में होने वाले दर्द को अपच या ऐसिडिटी की वजह से मान कर इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन सीने में किसी भी तरह के तेज़ दर्द की स्थिति में विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए। उन लोगों को तो ख़ास तौर से जिन्हें दिल के रोग होने का आनुवांशिक रूप से ज़्यादा डर है। दिल की माँसपेशियों को नुक़्सान पहुँचने से पहले इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम और जल्द से जल्द ख़ून की जाँच की जानी चाहिए।

डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा कि हमें इस आधार पर फ़ैसला नहीं लेना चाहिए कि दर्द कितना तेज़ है। हार्ट अटैक के कुछ मामलों में बिल्कुल दर्द नहीं होता बल्कि अचानक सीने में जलन, साँस लेने में परेशानी, बहुत पसीना आना, उल्टी आना,  चक्कर आना और बेचैनी होना जैसे लक्षण हो सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कोई अजीब सी परेशानी हो रही है; और अगर ये हार्ट अटैक की वजह से हो सकती है तो गोल्डन रूल है कि तुरंत व्यक्ति को सुनहरे घण्टे में कैथ लैब वाले अस्पताल ले जाना चाहिए। अगर तुरंत प्राथमिक Angioplasty कर दी जाए तो दिल की माँसपेशियों को होने वाले नुक़्सान को कम से कम किया जा सकता है। ये सबसे ज़्यादा कारगर इलाज है।

हार्ट अटैक के लक्षण:

  • सीने में तेज़ दर्द और पसीना आना
  • कँपकँपी और साँस लेने में परेशानी
  • आँखों के आगे अँधेरा छाना
  • डूबने जैसा महसूस होना
  • हाथ-पैर ठंडे पड़ना
  • बहुत आलस महसूस होना, ख़ास तौर से शुगर वाले मरीज़ों में
  • सीने में होने वाला दर्द दोनों बाहों, जबड़े या फिर पीठ में फैलना
  • पेट ख़राब होना और तेज़ उल्टी या उबकाई आना

हार्ट अटैक से बचने के कुछ टिप्स:

  • सीने में अचानक जलन, अलग-अलग जगह होने वाले दर्द और लगातार होने वाली उल्टी वगैरह को नज़रअंदाज़ ना करें।
  • अगर पहला ECG और ख़ून की जाँच सामान्य हैं तो डॉक्टर मरीज़ से अक़्सर इंतज़ार करने और 1 से तीन घण्टे बाद फिर से ये जाँच करने के लिए कहते हैं। ऐसा ना कर पाने पर ख़तरा बढ़ सकता है।
  • हार्ट अटैक की आशंका होने पर अस्पताल जाने से पहले आप घर पर ही ऐस्प्रीन ले सकते हैं। इस से कई जानें बची हैं। बचाव उपचार से बेहतर है। सही खान-पान के साथ कसरत वाली स्वस्थ जीवन शैली अपनाएँ।
  • धूम्रपान और तंबाकू को ना कहें।
  • खान-पान और कसरत की मदद से शरीर का वज़न नियन्त्रित रखें।
  • रोगों से बचते रहने के लिए समय-समय पर चिकित्सक की सलाह लेते रहें।
  • अपने BP और ब्लड शुगर की जाँच करें और इन्हें नियन्त्रित रखें। अगर डॉक्टर सलाह दें तो कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाएँ लें।
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Diseases News

Why is The Golden Hour Important in Heart Attack Cases?

Why is The Golden Hour Important in Heart Attack Cases
Story Highlights

  • Heart attack accounts for more than 60 percent of all cardiac deaths
  • Seventy percent of out-of-hospital cardiac arrests occur at home
  • In 90 percent cases people pass away

With large number of Indians who are succumbing to heart attack every year, most patients do not even get the “golden hour” of treatment. Golden hour is the first one hour after a heart attack which is ideal in reducing complications and associated mortality.

Many Indians are not able to identify the symptoms on time. Thus, they fail to seek appropriate intervention. Health experts say that the “golden hour” is very significant for giving heart attack patients timely and lifesaving care.

Therefore, any chest pain above the waist level is subjected to ECG. It needs a consultation by a physician without further delay. Treatment given within the first hour after a heart attack is imperative to save life and avoid complications.

According to the American Heart Association – the mortality in sudden cardiac arrest is approximately 4280/100,000 in India.

Doctors say that the risk of fatality gets increased because many of those who suffer a heart attack are brought to the hospital after the delay of at least 2 to 3 hours. Such delay makes it difficult to bring them back to normal health.

“Heart attack accounts for more than 60 percent of all cardiac deaths. Seventy percent of out-of-hospital cardiac arrests occur at home. In 90 percent cases people pass away, who suffer out-of-hospital cardiac arrest. Every minute’s delay in resuscitation of the cardiac arrest victim slims the chance of survival by 7-10 percent,” says Indian Journal of Anesthesia, publishing the guidelines for cardiopulmonary resuscitation (CPR).

CPR involves development of skills which are relevant to the practice of all medical specialities, particularly anaesthesiology, critical care, emergency medicine and surgery.

“Unfortunately, immediate help is received by only about 46 per cent  of people experiencing out-of-hospital cardiac arrest. However, if CPR is performed immediately by someone nearby, the chance of survival of victims can double or triple,” stated the Indian Journal of Anesthesia.

Dr Rajiv Agarwal, Senior Director & Unit Head of Cardiology department at Max Specialty Hospital said, “In the event of a heart attack, time is of utmost crucial. Many people tend to ignore a chest pain attributing it to acidity or indigestion. However, any acute chest pain must be immediately checked by a specialist. Especially in the cases of people who are genetically prone to heart problems. This includes an electrocardiogram and rapid blood test to exclude heart muscle damage.”

Dr Agarwal further said, “The intensity of pain should not be the deciding factor. Some heart attacks may be entirely painless and may manifest as sudden burning sensation in chest, breathlessness, dizziness, uneasiness, vomiting or sweating.

If a person experiences any unexplained symptoms which could be due to heart attack, the ‘Golden Rule’ is to rush them to a hospital with a Cath Lab within the ‘Golden Hour’. The damage to heart muscle can be minimized if Primary Angioplasty is done immediately – this is the most effective treatment.”

Symptoms of Heart Attack:

  • Severe chest pain with sweating
  • Palpitation and breathing difficulty
  • Feeling of blackout
  • Extreme lethargy particularly in diabetic patients
  • Chest pain radiating to either or both arms, jaw and the back region
  • Severe vomiting or nausea with abdominal discomfort.

Some Tips From The Experts:

  • Do not ignore unexplained heartburn, pain at unusual sites, persistent vomiting
  • If the first ECG and blood test are normal, doctors often ask the patient to wait and repeat the test after 1-3 hours. Failure to do so may put you at risk
  • You may take a tab of aspirin at home on suspicion of heart attack even before setting out to hospital for suspected heart attack. This method has saved many lives.
  • Prevention is better than cure. Adopt healthy lifestyle with healthy diet and exercise
  • Say no to smoking and tobacco. Control excessive body weight by diet and exercise
  • Keep a check on your BP or blood sugar level. Take cholesterol lowering medicines if doctor advises you.
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