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दिल्ली के 14,000 चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल के अपने साथी चिकित्सकों के लिए किया प्रदर्शन

Doctors In West Bengal

दिल्ली के 14,000 चिकित्सकों ने इस शुक्रवार हड़ताल की। पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों के ख़िलाफ़ की गई हिंसा की वजह से लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नाराज़ चिकित्सकों ने कई अस्पतालों में ओपीडी में चिकित्सा सेवाएँ पूरी तरह बंद रखीं।

दिल्ली मेडिकल संगठन (DMA) के अध्यक्ष डॉ. गिरीश त्यागी ने द हेल्थ को बताया कि दिल्ली से हमारे पास 18,000 चिकित्सकों का नाम दर्ज है। आज उन में से लगभग 14,000 चिकित्सक प्रदर्शन में शामिल हुए। निजी स्वास्थ्य संस्थानों सहित बहुत से प्रमुख अस्पतालों ने अपनी ओपीडी सेवाएँ पूरी तरह बंद रखीं। 400-500 चिकित्सकों ने डीएमए से लेकर राजघाट तक शांतिपूर्ण मार्च किया।

डॉ. त्यागी ने बताया कि इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले हड़ताली चिकित्सक दिल्ली के निजी और सरकारी अस्पतालों से थे। ये दिल्ली चिकित्सा परिषद के सदस्य हैंं।

दिल्ली के चिकित्सकों ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन से भी मुलाक़ात की और उन्हें हालात के बारे में बताया।

डॉ. हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी को एक पत्र में लिखा कि ये चिंता का विषय है कि पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों की नाराज़गी का कोई समाधान नहीं निकल रहा है बल्कि मामला और ख़राब होता जा रहा है। चिकित्सकों द्वारा रोज़मर्रा की ज़िंदगी में झेली जा रही असल परेशानियों को दूर करने के लिए संवेदनशील रवैया अपनाकर और उन के साथ बेहतर संवाद से इस संकट का हल निकालने में मदद ज़रूर मिलेगी।

एम्स के आरडीए का कहना:

एम्स, आरडीए के अध्यक्ष डॉ. अमरिंदर सिंह ने कहा कि एनआरएस चिकित्सा कॉलेज और अस्पताल पर भीड़ ने हमला किया। स्वास्थ्य कर्मियों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाएँ तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं। अब क्या हम मरीज़ों को बचाने के लिए चिकित्सा अभ्यास की जगह मार्शल आर्ट या फिर आत्मरक्षा तकनीक सीखें?

निजी अस्पताल भी प्रदर्शन में शामिल:

सर गंगा राम अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि सर गंगा राम अस्पताल (SGRH) में भी आज निजी ओपीडी बंद रही। SGRH ने वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि सर गंगा राम अस्पताल के सभी चिकित्सक पश्चिम बंगाल के अपने साथी चिकित्सकों का पूरा समर्थन करते हैं और डॉक्टरों के ख़िलाफ़ हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति के ख़िलाफ़ पुरज़ोर प्रदर्शन करते हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र की चिंताजनक स्थिति के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि:

NATHEALTH के अध्यक्ष डॉ. सुदर्शन बल्लाल ने कहा कि हमें समझना चाहिए कि चिकित्सा कर्मी और संस्थान मरीज़ों का जीवन बचाने के लिए अपना काम कर रहे हैं। सरकार को चिकित्सकों और सहायक कर्मियों की हर समय सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। NATHEALTH सरकार और सभी पक्षों के साथ मिलकर एक ऐसा सुरक्षित चिकित्सा देखभाल माहौल तैयार करना चाहेगा जिस में डॉक्टर और मरीज़ के बीच भरोसेमंद रिश्ता बना रहे।

देश भर में चिकित्सा संस्थानों ने अपने वक्तव्य जारी किए और इस विरोध में शामिल हुए। ये संस्थान हैं:

राम मनोहर लोहिया अस्पताल, एम्स, सफ़दरजंग अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, हिंदु राव अस्पताल, लेडी हार्डिन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल, डॉ. भीमराव अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, संजय गाँधी मेमोरियल अस्पताल तथा मानव व्यवहार एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान.

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Health Politics News

Delhi’s 14000 Docs In Solidarity Protest For Their West Bengal Colleagues

Doctors In West Bengal

Delhi’s 14000 doctors went on strike this Friday in continuation of the protest against the violence inflicted upon doctors in West Bengal. Agitating doctors declared complete shut down of medical services in OPD at various hospitals in the national Capital.

Dr Girish Tyagi, President, Delhi Medical Association (DMA) told TheHealth, “18000 doctors are registered with us from Delhi. Out of them almost 14000 doctors joined us in the protest today. All the major hospitals even private healthcare institutes shut down their OPD services completely. 400-500 doctors marched peacefully from DMA to Rajghat”.

Striking doctors who participated in the protest are from private and government hospitals in Delhi. They are members of Delhi Medical Council, Dr Tyagi added.

Doctors from Delhi also met Union Health Minister Dr Harsh Vardhan and explained the situation to him.

In a letter to Chief Minister of West Bengal, Mamta Banerjee, Dr Harsh Vardhan said: “It is a matter of concern that the agitation by doctors in West Bengal is not heading towards resolution, but seems to be getting aggravated. Better communication with doctors and compassionate approach to take care of the genuine problems being faced by them in day to day function would definitely be helpful in tiding over the crisis which has been created”.

AIIMS’s RDA Speaks:

“It was a mob who approached NRS Medical College and Hospital. Violence against healthcare workers is growing rapidly. Are we supposed to learn martial arts or self-defence instead of learning medical practices to save the patients?”, said Dr. Amrinder Singh, President, RDA, AIIMS.

Private Hospitals Joined The Stir:

Private OPD was closed today at Sir Ganga Ram Hospital(SGRH) also. SGRH released the statement, “All doctors of Sir Ganga Ram Hospital are fully in support of our colleagues in West Bengal and Strongly protest against growing tendency of violence on doctors,” said SGRH spokesperson.

Experts Speak On The Critical Condition Of Healthcare Sector:

“We need to understand that medical professionals and establishments are doing their job and trying to save lives. The government must ensure safety security of doctors and paramedic workers at all times. NATHEALTH will be willing to work with government and all stakeholders to create a safe health care environment where the sanctity of patient-doctor relationship prospers,” said Dr. Sudarshan Ballal, President, NATHEALTH.

Healthcare institutes across the country released their statement and joined the protest. Here is the list of the institutes:

Ram Manohar Lohia Hospital, All India Institute of Medical Sciences (AIIMS), Safdarjung Hospital, Guru Teg Bahadur Hospital, Hindu Rao Hospital, Lady Hardinge Medical College and Hospital, Lok Nayak Jayaprakash (LNJP) Hospital, Dr BR Ambedkar Medical College and Hospital, DDU Hospital, Sanjay Gandhi Memorial Hospital, Institute of Human Behaviour and Allied Sciences.

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