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Food & Diet

Less Salt Intake Can Improve Your Health

less salt intake
Story Highlights

  • People in India consume 75% of sodium from packaged and restaurant food items
  • 75% sodium intake exceeds the recommended level of sodium intake by WHO.
  • In Delhi and Haryana, it is 9.5g per day.
  • Excessive salt over time can cause irreparable damage to the kidneys.
  • High salt intake also causes a rise in blood pressure.

While WHO recommends about 5 grams of salt intake per day for adults in India, public Health Foundation of India (PHFI) alerts that people in India consume 75 percent of sodium from packaged and restaurant food items which exceeds the recommended level of sodium intake by WHO.

PHFI says that in Delhi and Haryana, salt consumption per adult is about 9.5g per day. This is a key risk factor for hypertension and heart disease in India.

Researchers and policy-makers around the world are sensitising people on reducing salt intake to control hypertension and cardiovascular diseases which are difficult to control.

Dr Maj Prachi Garg, Secretary IMA NDB said, “The terms salt and sodium are often used interchangeably, however, they mean different things. Salt comprises sodium and chloride. It is the sodium in salt that can be bad for your heart. While salt is essential for life, it is important to consume the right kind and maintain a proper salt-to-potassium ratio. It is noteworthy that more than 75 percent of the sodium we consume comes from packaged and restaurant foods.”

Therefore, it is imperative to restrict dietary intake of salt to lower the risk of developing a heart disease by 25 percent and mortality due to this by 20 percent.

Dr KK Aggarwal, President, Heart Care Foundation of India (HCFI) said, “The Indian diet is high in sodium and their salt consumption is one of the biggest contributing factors for non-communicable diseases. Excessive salt over time can cause irreparable damage to the kidneys as well. High salt intake also causes a rise in blood pressure, a condition known as hypertension.”

“High blood pressure can harden the arteries, further decreasing the flow of blood and oxygen. An impairment in the flow of oxygen can cause your skin dry and develop wrinkles faster. Such effects can make anyone look dull and older along with other health effects,” he said.

The heart diseases among 3rd to 5th decade of Indians are going up in numbers. There are scores of reasons which causes heart ailments. Food habit and less physical activity is the major reason out of other factors. The spices are added to every indian cuisine. Salt is an essential ingredient of Indian kitchen. Indians add salt to almost every food to balance the flavor of spices in the food.

Tips To Reduce Salt Intake:

  • Add only normal amounts of salt when cooking.
  • Avoid adding raw salt once the meal is prepared.
  • Do not have preserved and packaged foods. Such food items contain maximum salt
  • Read the labels when shopping. Look for lower sodium food items.
  • Remember that it takes three months of a salt-free diet to adopt it as your food habit.
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भोजन और आहार

ज़्यादा नमक कैसे बिगाड़ता है सेहत

less salt intake

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में वयस्कों के लिए एक दिन में सिर्फ़ पाँच ग्राम नमक खाने की सलाह दी है लेकिन PHFI यानी भारत के जन स्वास्थ्य फाउंडेशन ने चेताया है कि भारत में लोग पैकेटबंद और रेस्टोरेंट के खाने से 75 प्रतिशत सोडियम का सेवन करते हैं जो WHO द्वारा बताए गए स्तर से बहुत ज़्यादा है।

PHFI का कहना है कि दिल्ली और हरियाणा में हर रोज़ वयस्क लगभग 9.5 ग्राम नमक का सेवन करते हैं। भारत में ये हाइपर्टेन्शन या उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह है।

दुनिया भर में शोधकर्ता और नीति-निमार्ता हाइपर्टेन्शन और धमनियों की बीमारियों को नियन्त्रण में रखने के लिए लोगों को कम नमक खाने के लिए जागरूक कर रहे हैं क्योंकि इन रोगों को काबू में रखना मुश्किल है।

IMA NDB  के सचिव डॉ. मेजर प्राची गर्ग ने कहा कि अक्सर हम नमक और सोडियम नामों को एक ही तरीक़े से इस्तेमाल कर लेते हैं लेकिन ये दोनों एक दम अलग हैं। नमक में सोडियम और क्लोराइड होता है। नमक में सोडियम की वजह से दिल को नुक़सान पहुँच सकता है। जीवन के लिए नमक ज़रूरी है लेकिन नमक की सही मात्रा और पोटेशियम-नमक का सही अनुपात बनाए रखना और भी ज़्यादा ज़रूरी है। ये याद रखना चाहिए कि 75 प्रतिशत से ज़्यादा नमक जो हम खाते हैं वो रेस्टोरेंट और पैकेट वाले खाने में होता है।

इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि दिल की बीमारियों का ख़तरा 25 प्रतिशत कम करने और इस वजह से होने वाली मृत्यु को बीस प्रतिशत कम करने के लिए खाने में नमक की मात्रा कम की जाए।

डॉ. के.के. अग्रवाल, हार्ट केयर फ़ाउंडेशन ऑफ़ इण्डिया(HCFI) के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय भोजन में सोडियम काफ़ी ज़्यादा होता है और ग़ैर-संक्रामक रोग होने का एक बड़ा कारण नमक का सेवन भी है। लंबे समय तक ज़्यादा नमक खाने से गुर्दों को भी ऐसा नुक़सान पहुँचता है जो कभी ठीक नहीं किया जा सकता। ज़्यादा नमक खाने से रक्तचाप भी बढ़ता है जिसे हाइपर्टेंशन कहा जाता है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उच्च रक्तचाप से धमनियाँ सख़्त हो जाती हैं तथा बाद में ख़ून और ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है। किसी हिस्से तक ऑक्सीजन सही मात्रा में ना पहुँचने पर त्वचा रूखी हो सकती है और जल्दी झुर्रियाँ आ सकती हैं। इस वजह से व्यक्ति बेजान लगता है, उसकी उम्र ज़्यादा लग सकती है तथा सेहत पर और भी कई असर पड़ते हैं।

भारतीयों में तीस से पचास साल के लोगों में दिल की बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। हृदय रोग होने के बहुत से कारण होते हैं। खाने की आदत और कम शारीरिक गतिविधि इन कारणों में प्रमुख है। लगभग हर भारतीय खाने में मसाले डाले जाते हैं। नमक भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है। भारतीय मसाले का ज़ायका सही करने के लिए लगभग हर खाने में नमक मिलाते हैं।

नमक की मात्रा कम करने के लिए टिप्स:

  • खाना पकाते समय केवल सामान्य मात्रा में ही नमक डालें
  • खाना तैयार हो जाने के बाद उस में कच्चा नमक ना मिलाएँ
  • संरक्षित या पैकेटबंद खाना ना खाएँ। इस में नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है।
  • खरीदारी करते समय लेबल ज़रूर पढ़ें। कम सोडियम वाले खाद्य पदार्थ ही ख़रीदें।
  • याद रखें कि बिना नमक का भोजन खाने की आदत होने में तीन महीने का समय लगता है।
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