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ट्यूमर बढ़ने की वजह से 16 वर्ष के लड़के की लम्बाई हुई सात फ़ीट चार इंच

Growth Tumour

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पिथोरागढ़, उत्तराखण्ड में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक 16 वर्षीय लड़के, मोहन सिंह की लम्बाई सात फ़ीट चार इंच और वज़न 113 किलो हो गया। उस के शरीर में ग्रोथ हार्मोन की वजह से बने फोड़े या ट्यूमर के कारण ऐसा हुआ। ट्यूमर की वजह का अभी पता नहीं चल पाया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स में मोहन की सर्जरी की गई जो सफल रही।

Mohan and his Father, Mahadev Singh

ये बच्चों में होने वाला एक असामान्य बदलाव है जिसे महाकायता कहा जाता है। महाकायता में पूरा शरीर या फिर शरीर के कुछ हिस्से जैसे कि हाथ या पाँव सामान्य से ज़्यादा बढ़ जाते हैं। महाकायता अधिकतर शरीर में अंदर ही अंदर ग्रोथ हार्मोन से बने ट्यूमर की वजह से होती है। ऐसे बच्चे विशाल लगते हैं लेकिन वे कमज़ोर होते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार WWE स्टार यानी विश्व के जाने-माने कुश्तीबाज़ द ग्रेट खली में भी महाकायता ही है। मीडिया में ऐसी ख़बरे थीं कि ट्यूमर हटवाने के लिए उन्होंने ऑप्रेशन करवाया है। मोहन भी महाकायता की वजह से ही इतना लंबा हो गया।

मोहन के पिता महादेव सिंह का कहना है कि हमें लगता था कि 6 फ़ीट लम्बाई होना मनुष्यों में सामान्य बात है। लेकिन पिछले तीन-चार साल में मोहन की लम्बाई सामान्य से ज़्यादा बढ़नी शुरू हो गई। हमें अपने घर में बदलाव करने पड़े, उत्तर प्रदेश में मेरठ से मोहन के पैर के नाप के जूते बनवाने पड़े और दिल्ली में सरोजिनी नगर बाज़ार से उस के नाप की XXXXL आकार की कमीज़ें लेनी पड़ी।

महादेव सिंह ने बताया कि दूसरों से लम्बे होने की वजह से मोहन अलग-अलग रहने लगा है। उन्होंने बताया कि मेरठ के जूता बाज़ार में उस के नाप के जूते बनवाने के लिए मोची उस के पैर का सही नाप लेना चाहता था। इसलिए हमें उस के पास जाना पड़ा। हम जैसे ही वहाँ पहुँचे मोहन को देखने के लिए लोग जमा हो गए । कई लोगों ने उस के साथ सैल्फ़ी ली। लोगों के लिए ये हैरानी और मज़े की बात थी लेकिन मोहन को ये सब अच्छा नहीं लगा। लोग अक्सर उस के साथ फ़ोटो खिंचवाने लगते हैं। ऐसा पहले भी कई बार हुआ है। अब मोहन अपनी असामान्य लम्बाई की वजह से बाहर जाने से बचने लगा है।

महादेव सिंह ने कहा कि मोहन अपने विद्यालय जाने के लिए पहाड़ियों से होते हुए हर रोज़ लगभग 14 किलोमीटर चलता है। पिछले पाँच महीनों से वो चक्कर आने और सर दर्द की शिक़ायत कर रहा था। स्थानीय डॉक्टर ने हमें CT और MRI करवाने की सलाह दी। स्केनिंग में ट्यूमर का पता चला। आगे के इलाज के लिए डॉक्टर ने मोहन को एम्स भेज दिया।

एम्स में चिकित्सकों ने मोहन और उस के पिता को बड़ी राहत दी:

एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफ़ेसर, डॉ. पी सरत चन्द्रा ने द हेल्थ को बताया कि मोहन के MRI स्कैन में मस्तिष्क के पिटूइटेरी ग्लैंड या पीयूष ग्रंथि में एक बड़े ट्यूमर का पता चला। जाँच करने पर पीयूष ग्रंथि में विकास हार्मोन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ा हुआ मिला। हम ने इंडोस्कोपिक पद्धति द्वारा यानी नाक के रास्ते विशेष रूप से तैयार किए गए रिट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हुए ट्यूमर को पूरी तरह निकाल दिया।

सर्जरी करने वाले तीन अन्य चिकित्सकों के साथ मिलकर मोहन की दो घण्टे तक सर्जरी करने वाले डॉ. चन्द्रा ने कहा कि ट्यूमर निकाल दिए जाने के बाद विकास हार्मोन सामान्य स्तर पर आ गया है। कुछ समय बाद सॉफ़्ट टिशु और वज़न कम हो जाएंगे लेकिन लम्बाई इतनी ही रहेगी।

डॉ. चन्द्रा ने आगे बताया कि ये स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत ही असामान्य और ग़ैर-आनुवांशिक समस्या है। विकास हार्मोन की पूर्ति होने से पहले ऐसा होता है। अगर किसी व्यक्ति की पीयूष ग्रंथि में Growth Hormone Secreting (GHS) ट्यूमर विकसित हो जाता है तो वो लम्बा होने लगता है।  

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