तंबाकू उत्पादों के पैकेट के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नई स्वास्थ्य चेतावनी
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अधिसूचित परिक्रमण अवधि के दूसरे चरण के अनुसार 1 सितम्बर 2019 से सभी तंबाकू उत्पादों पर नई तस्वीरें और टैग लाइन होनी चाहिए कि “तंबाकू से दर्दनाक मौत होती है।”
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी तंबाकू उत्पाद पैकेटों के लिए 3 अप्रैल 2018 को नई विशेष स्वास्थ्य चेतावनी की अधिसूचना दी थी। ये नई चेतावनियाँ दो चरणों में लागू की जानी थीं।
3 अप्रैल 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार क्रम से लगातार 12 महीनों की अवधि के लिए स्वास्थ्य के प्रति ब्योरेवार चेतावनी देती हुईं दो तस्वीरें लगाई जानी चाहिए।
(तस्वीर-1, जो 1 सितम्बर 2018 से 12 महीनों की अवधि के लिए वैध है।)
पहली तस्वीर 1 सितम्बर 2018 से सभी तंबाकू उत्पादों के पैकेटों पर लगी है जिस पर चेतावनी लिखी है “तंबाकू से कैंसर होता है”। पहली तस्वीर की 12 महीनों की अवधि 1 सितम्बर 2019 को पूरी हो जाएगी।
3 अप्रैल 2018 को अधिसूचित नियमों के अनुसार “तंबाकू से कैंसर होता है” और “तंबाकू से दर्दनाक मौत होती है” वाक्य लाल रंग की पृष्ठभूमि पर सफ़ेद रंग से लिखे जाएंगे और क्विट टुडे कॉल 1800-11-2356 काले रंग की पृष्ठभूमि पर सफ़ेद रंग से लिखा जाएगा।
इस टोल फ़्री तंबाकू क्विट-लाइन सेवा (1800-11-2356) पर उन लोगों को परामर्श और तरीक़ा बताया जाता है जिन्हें तंबाकू की लत लगी है या जो इसे छोड़ना चाहते हैं।
(तस्वीर-2, जो 1 सितम्बर 2019 से प्रभावी होगी।)
वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (GATS) 2016-17 के अनुसार भारत में तंबाकू की वजह से होने वाली मृत्यु दर अनुमानित 13 लाख से ऊपर है। इन में से दस लाख तंबाकू वाला धूम्रपान करने और बाकी तंबाकू वाले उत्पाद खाने की वजह से है। भारत में तंबाकू से होने वाली मृत्यु में मुँह के कैंसर के बहुत अधिक मामले सामने आते हैं। ये फेफड़ों के कैंसर से भी ज़्यादा है और पूरी दुनिया में होने वाले मुँह के कैंसर का लगभग पचास प्रतिशत है।
2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया था कि पूरी दुनिया में इस समय लगभग 1.3 अरब लोग धूम्रपान करते हैं जो कि ज़्यादातर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रह रहे हैं। जब तक ये धूम्रपान नहीं छोड़ेंगे तब तक इन में से आधे लोग समय से पहले ही तंबाकू से होने वाले रोगों की वजह से मृत्यु का शिकार हो जाएँगे। इन में फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, दौरा और लंबे समय तक चलने वाली फेफड़ों की घातक बीमारी भी शामिल है। तंबाकू से 20वीं सदी में दस करोड़ लोगों की मौत हो गई और वर्तमान समय में हर साल लगभग साठ लाख लोगों की मौत हो रही है।