दिल्ली के चिकित्सकों ने निकाली मूत्राशय से दुनिया की सबसे लम्बी पथरी
- लगभग 85 साल पहले मरीज़ Taylor के मूत्राशय में 21.5 सेंटिमीटर आकार की पथरी का पता चला था।
- मूत्राशय की इतनी बड़ी पथरी का Taylor का मामला 1934 के दौरान International journal में छपा था।
- नताशा के मूत्राशय की पथरी कुल 22 सेंटिमीटर और साठ ग्राम वज़न की थी।
सर गंगा राम अस्पताल(SGRH) के चिकित्सकों का दावा है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से आर्ई 35 साल की एक महिला के मूत्राशय से दुनिया की सबसे लम्बी पथरी निकाली है। ये अनोखी सर्जरी रोबोटिक तकनीक द्वारा की गई।
नताशा छाबड़ा मलिक को मूत्राशय में पथरी होने के बावजूद पेट में कभी दर्द महसूस नहीं हुआ। पिछले माह से उन्हें बेचैनी महसूस होनी शुरू हुई। उन्हें ऐसा लगा कि उन के पेट में कुछ भारीपन है।
जीवन में मूत्राशय में पथरी या Ureteric Calculus होने का ख़तरा लगभग पाँच प्रतिशत होता है और ये आम तौर पर छोटे आकार की होती है। (शरीर में खनिजों के जमा होने के सख़्त स्वरूप को पथरी कहते हैं जो कि आम तौर पर गुर्दे या पित्त की थैली में होती है।)
पाँच सेंटिमीटर से बड़े आकार के जमाव को मूत्राशय की बड़ी पथरी कहा जाता है। लेकिन कुछ विशेष मामलों में ही ऐसा होता है। मूत्राशय की पथरी बहुत छोटी होती हैं और उन में से लगभग पचास प्रतिशत पाँच मिलिमीटर से कम मोटाई की होती हैं।
लगभग 85 साल पहले मरीज़ Taylor के मूत्राशय में 21.5 सेंटिमीटर आकार की पथरी का पता चला था । मूत्राशय की इतनी बड़ी पथरी का Taylor का मामला 1934 के दौरान एक International journal में छपा था।
सर गंगा राम अस्पताल के मूत्रविज्ञान विभाग में परामर्शक, डॉ. सचिन कथूरिया ने कहा कि नताशा के मूत्राशय की पथरी कुल 22 सेंटिमीटर और साठ ग्राम वज़न की थी। ये मूत्राशय में पाई गई अभी तक की सबसे लम्बी पथरी है।
नताशा सर गंगा राम अस्पताल की इमरजेंसी में आईं थीं जहाँ युरोलॉजिस्ट या मूत्रविज्ञान विशेषज्ञों ने पाया कि उन की पेशाब की नली में बहुत लम्बी पथरी थी।
नताशा ने हेल्थ.टुडे को बताया कि मुझे पिछले एक महीने से कुछ परेशानी हो रही थी। मुझे महसूस हो रहा था कि मेरे पेट में कुछ भारीपन है। लेकिन कोई दर्द नहीं था। मैं स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास गई। बहुत सी जाँच की गईँ और इन में पता चला कि पेट में कोई भारी चीज़ है।
डॉ. सचिन कथूरिया युरोलॉजिस्ट टीम के हैड थे और इस टीम में डॉ. अजय शर्मा तथा डॉ. विक्रम बत्रा भी शामिल थे। सर्जरी काफ़ी लम्बी और थका देने वाली थी और पूरे चार घण्टे चली।
डॉ. कथूरिया ने बताया कि शल्यक्रिया का सर्जरी वाले रोबोट के इस्तेमाल से इतनी लम्बी पथरी को एक ही सर्जरी में निकालना संभव हो सका और ये पथरी कम से कम घावों के साथ निकाली गई ताक़ि मरीज़ जल्दी स्वस्थ हो सके। इतनी लम्बी पथरी को पहले बड़े चीरे लगाकर निकाला जाता था।
चिकित्सकों का कहना है कि मूत्राशय में पथरी होने की शिक़ायत अधिकतर उत्तर भारत के लोगों को होती है और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीकर ही इस से बचाव किया जा सकता है। अगर इस का समय रहते पता चल जाए तो बड़े घाव के बिना सर्जरी की जा सकती है।
सर्जरी के बाद नताशा बेहतर महसूस कर रही हैं।